कावेरी पुकारे, किसानों को कृषि-वानिकी की ओर ले जाकर, कावेरी घाटी में पेड़ लगाने में मदद करेगा।
कावेरी पुकारे, किसानों को कृषि-वानिकी की ओर ले जाकर, कावेरी घाटी में पेड़ लगाने में मदद करेगा।
कावेरी पुकारे, किसानों को कृषि-वानिकी की ओर ले जाकर, कावेरी घाटी में 242 करोड़ पेड़ लगाने में मदद करेगा, और इसके पहले चरण में तमिल नाडू और कर्णाटक में 73 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे। कावेरी घाटी दुनिया की सबसे उपजाऊ घाटियों में से एक रही है। पर आज इसके जल प्रवाह में पिछले 70 सालों में 40% से ज़्यादा की गिरावट आई है। साल 2016 में, कावेरी अपने स्रोत पर ही सूख गई, क्योंकि बारिश में 40 से 70 प्रतिशत की कमी आई थी।
इससे ठीक उलटी बात ये है कि तमिल नाडू में कुछ समय पहले साल 2015 में बहुत बुरी बाढ़ आई थी। इसमें 500 लोगों की मृत्यु हो गई थी। इस आपदा में 20,000 से 160,000 करोड़ के नुकसान के अनुमान लगाए गए।
एक के बाद एक बाढ़ और सूखे के चक्रों का दौर भारत की लगभग सभी प्रमुख नदियों में दिखाई देने लगा है। यही समय है कदम उठाने का।
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